Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग- 90( A Lip of Heart-2)

Chapter-27: New War~  युद्ध 

"रात के 11 बजे फ़ेसबुक पर क्या कर रही है बिल्ली..."फ़ेसबुक पर ऐश  को ऑनलाइन देखकर मैने एक मेसेज  टपकाया...


मैने ऐश  को मेसेज  तो कर दिया था लेकिन मैं जानता था की वो रिप्लाइ नही करने वाली. पर हम है अरमानदेव... हमें बखूबी मालूम था कि वो रिप्लाई कैसे करेंगी... इसलिए मैने next मेसेज टपकाया...

"प्यार मे मेरी दीवानगी देखना तुम...

यदि खुद को ना मिटा दिया तो कहना..."

"इसका क्या मतलब  हुआ अरमान "उसने तुरंत रिप्लाइ किया...

"कुछ  नही..वो तो मैं किसी दूसरी लड़की को भेज रहा था ,ग़लती से तुम्हे पहुच गया...." अपना अगला दांव खेलते हुए मैने नेक्स्ट msg किया 

"इट'स ओके..."

मैने सोचा था कि ऐश  अब मुझसे उस लड़की का नाम पूछेगी... थोड़ा बहुत जलेगी -भुनेगी... लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और ना ही उसने ऐसा कुछ किया......सच मे यार, लड़कियो के बारे मे सारी थियरी ग़लत हो जाती है

"क्या कर रेली है इस वक़्त..."

"वो मैं तुम्हे क्यूँ बताऊ..."

"क्यूंकी....iiiiiii"

"ह्म्म्म."

"कुछ  नही..."

"Lol, Arman "

"Double lol"

"triple.. Lol."

"लगता है ये lol-lol खेलने के मूड मे है..."मैने सोचा और फिर "lol3 "लिखकर सेंड किया और जवाब मे उसने" lol4"भेजा...

"Lol infinity..अब आगे बढ़ा "

"Lol infinity + 1 lol...."

"अब बंद कर ये सब "

"पहले बोलो कि तुम हार गये..."

"ओके मेरी माँ..इस लोल -खोल के गेम मे तू जीती मैं हारा...अब खुश"

"Yayyy ..i won."

"मेडल भी दूं क्या..."

"Lol .."

"वैसे तुमने बताया नही की तू इस वक़्त किससे भिड़ी थी फ़ेसबुक पर..."

"स्कूल की एक फ्रेंड थी मेरी..."

"लड़की है "

"हां...लेकिन ये तुम क्यूँ पुछ  रहे हो..."

"सेट्टिंग करवा ना..."

"शट अप...."

"मैं तो ऐसे ही बोल रहा था...दिल पर मत ले...........मुँह मे ले..."

"Arman, i dont like this kind of conversation...ok..??"

"Not ok..."

"TC , GN..."

"कितना जल्दी इसपर भूत सवार हो जाता है..."ऐश  के ऑफलाइन होने के बाद मैं बड़बड़ाया और उसी वक़्त अरुण ,सौरभ के साथ रूम मे दाखिल हुआ...

"कहाँ घूम रहा है बे..."मैने अरुण से पुछा...

"पानी पीने गया था...रास्ते मे सौरभ मिल गया...तो सोचा आज रात टाइम पास हो जाएगा..."

" घंटे का टाइम पास..."सौरभ ताव मे आकर बोला"मैं वर्कशॉप की कॉपी लेने आया हूँ..."

अरुण से वर्कशॉप की कॉपी लेने के बाद सौरभ वहाँ से जाने लगा लेकिन फिर पीछे पलट कर बोला की बॉलीवुड के जिस-जिस गाने मे जुदाई वर्ड है ,उस वर्ड मे जु की जगह चु लगाकर हम दोनो टाइम पास कर सकते है....

"एक्सापल दे दो एक..."

"एक्सापल ...ह्म्म्मम,...जैसे कि...चार दिनो का प्यार-ओ-रब्बा...लंबी जुदाई... लम्बी जुदाई... इसमें अब खुद से लगा ले... ."

सौरभ के जाने के बाद अरुण कुछ  देर तक बॉलीवुड के गानो की ऐसे ही तेरही -बरखी करता रहा और मैं सो गया....

.

दूसरे दिन सुबह मुझे कुछ  ज़्यादा ही नीद आ रही थी... दारू कम पीने से यही होता है साला... एकदम दिमाग़ हैंग मारने लगता है... पर कोई बात कल की कमी आज रात को पूरा करूँगा 😈 मेरा सिर भारी भारी लग रहा था, इसलिए मैने अरुण को कह दिया कि वो अकेले कॉलेज चला जाए,मैं हीरो के माफिक़ डाइरेक्ट दूसरे पीरियड मे आउन्गा....और जब मैं दूसरा पीरियड अटेंड करने कॉलेज गया तो गेट के पास ही मुझे विभा दिख गयी....

"कुछ  काम-वाम से आई होगी,साली...या फिर वरुण से मरवाने आई होगी..."मैने ऐसा सोचा और विभा को फुल्ली इग्नोर मारते हुए आगे बढ़ा.... वरना दूसरा पीरियड भी मिस हो जाता... 


"अरमान...तुम आज फर्स्ट पीरियड मे नही थे...राइट ! "बगल से जब मै निकला तो विभा मुझसे बोली 


"हां...तो..... उसमे कौन सी बड़ी बात है...वो तो अक्सर होता रहता है... तू अपने काम से काम रख समझी "पीछे पलटकर मैने विभा को जवाब दिया...


"इडियट, बद्तमीज....अब तुम अपने बात करने का लहज़ा सुधार लो और आज से हर दिन फर्स्ट पीरियड मे दिखना...क्यूंकी फर्स्ट पीरियड Fluid Mechanics ~FM की है..."

"तो...FM का है तो...??"


"I am your teacher of Fluid Mechanics......"


"ओ तेरी ये कब हुआ...कैसे हुआ...क्यूँ हुआ..."


"ये कल हुआ और मेरी ब्रिलियेन्स के कारण हुआ....क्यूंकी तुम्हारे सीसी के पुराने टीचर का ट्रान्स्फर दूसरे कॉलेज मे हो गया है..."


विभा पहले जो भी रही हो लेकिन अब वो मेरी टीचर थी. यानी कि बहुत सारा नंबर उसके हाथ मे था...इसलिए मैने विभा को उसी वक़्त गुड मॉर्निंग कहा और क्लास के अंदर घुसा....

.

"ये साले कॉलेज वाले भी महापांडू है... ना जाने कैसो-कैसो को टीचर रख लेते है,हमारे कॉलेज मे..?? .अच्छे -खासे इंजीनियरिंग कॉलेज को आगनबाड़ी का स्कूल बना दिया है...अब विभा हमे FM पढ़ाएगी...🤢🤮"अपनी मंडली मे शामिल होते ही मैं चीखा...चिल्लाया...

"उसकी माँ को ठोक दूंगा मै .. साली बहुत ज़्यादा उचक रही थी क्लास मे, खुद तो हर 5 मिनिट मे बुक देखती थी और मैने जब उसके एक क्वेस्चन पर किताब पलट ली तो साली की सुलग गयी..."मेरे वहाँ बैठते ही अरुण भी चीखा...चिल्लाया और उसकी आवाज़ से कुत्तो की तरह चिल्ला रही सारी क्लास एक दम से शांत होकर अरुण के तरफ देखने लगी....


"एक -एक मुँह मे घुसा दूँगा,यदि किसी ने मेरी तरफ देखा तो..."अरुण एक बार फिर ज़ोर से चीखा...

.

जब क्लास का माहौल  नॉर्मल हुआ और सारे स्टूडेंट्स फिर से कुत्तो -पिल्लो की तरह हल्ला मचाने लगे तो मैने अरुण से कहा कि थोड़ा ध्यान से बे,लड़किया भी है यहाँ...


"सब...सब साली रखैल है...लड़की के नाम पर कलंक है,इनको देखकर सारी औरत जात से नफ़रत होने लगती है और विभा तो महा रखैल है...साली,  कुतिया. सच बता रहा हूँ तेरे को मै, अरमान...गेंडे का लेती है वो..."


"Agree..... और अब शांत हो जा और जा के हिला  आ,रिलैक्स हो जाएगा..."


"ये आइडिया मुझे क्यूँ नही आया...anyway, मैं अभी आता हूँ हिलाने ...चल... तू भी चल.. मस्त वीडियो डाउनलोड किया हूँ रात मे.. तेरे हर जगह के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, देखकर "


"मैं एक घंटे पहले ही ये कर चुका हूँ,तू जा..."


"साले, हिलाने के लिए क्लास बंक करता है...छी...छी.. संस्कार है ही नहीं तुम जैसे लोगो मे "मुझे गरियाते हुए अरुण क्लास से निकल गया....


अरुण के जाने के बाद क्लास के सबसे पीछे कि बेंच पर बैठकर मैने अपने पैर सामने वाले बेंच पर रखा..लेकिन सामने एक लड़का बैठा हुआ विभा मैम ने जो कुछ बोर्ड पर लिखा था, उसे अपनी नोटबुक मे उतार रहा था... मैने एक लात ऐसे ही बैठे -बैठे उसके पीठ पर मारा...

"घूरता क्या है बे... चल बाजू खिसक... "

और जब मुझे घूरते हुए वो लड़का बाजू सरक गया तो शर्ट मे फंसा हुआ मैने अपना गॉगल निकाला और पहनते हुए मस्त आराम से अपने दोनों पैर सामने वाले बेंच पर पसारते हुए क्लास मे चिल्लाया 


"किसी ने मेरी प्रॉक्सी मारी क्या बे.... या फिर एब्सेंट चढ़ गया..."

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1 Comments

Ammar khan

30-Nov-2021 09:44 AM

Very interesting store i enjoyed a lot

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